Uncharted Depths
Sailing through Unexplored Seas.......
Monday, March 2, 2009
इरादे
रात गहरी ढल रही है
लौ बाती की बुझ गयी है
ऐसे में भी हार न माने
जीत की है मन में ठाने
जगमगाती घोर तिमिर को
कर्मयुद्ध को दहकाती
शनै: शनै: सुलग रही है
कर्मठ इरादों की आग
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