This reclusive state
dejects the heart
Solitude is salutary
in the babel of life
But when imperative
chosen or eventual
not gonna be ceased
at certain times
words become dumb
while at others
silence devour words
Tuesday, December 20, 2011
Friday, December 16, 2011
Roaring Seas
खारे पानी के अथाह समन्दर, यूँ तो शांत नज़र आते हैं,
समेटे उग्र तूफान अन्तः में, मीलों-मील फैले चले जाते हैं
तो आगोश में समां लेने को सबकुछ, यही सागर बहे जाते हैं
Thursday, December 15, 2011
रात आधी खींच कर मेरी हथेली - हरिवंश राय बच्चन की एक उत्कृष्ट कृति....!!!
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
फ़ासला था कुछ हमारे बिस्तरों में
और चारों ओर दुनिया सो रही थी।
तारिकाऐं ही गगन की जानती हैं
जो दशा दिल की तुम्हारे हो रही थी।
मैं तुम्हारे पास होकर दूर तुमसे
अधजगा सा और अधसोया हुआ सा।
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
फ़ासला था कुछ हमारे बिस्तरों में
और चारों ओर दुनिया सो रही थी।
तारिकाऐं ही गगन की जानती हैं
जो दशा दिल की तुम्हारे हो रही थी।
मैं तुम्हारे पास होकर दूर तुमसे
अधजगा सा और अधसोया हुआ सा।
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
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