वो तेरा एक दिन अचानक यूँ मुझसे मिलना याद आता है
और फिर मेरा ही होके रह जाना याद आता है
यूँ तो लबरेज़ थे गम से हम भी तुम भी
पर तेरा फिर भी खिलखिलाना याद आता है
तुझसे मिलके सीखा हमने भी मुस्कुराना
अब कहाँ वो बीता ज़माना याद आता है
आँखें जब किया करती थी आँखों से बातें
बिन कुछ कहे भी सब कह जाना याद आता है
कितनी यादें संजोयी हमने उन लम्हों की
हर पल मुझे वो उनका अंदाज़ रूमानी याद आता है
और जो न किया कैद मिट सकने वाली यादों में
वो दिल में महफूज़ हर पल ख़ास याद आता है
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