बातें ही बातें
इधर उधर की बातें
कहाँ कहाँ की बातें
ऐसी वैसी बातें
कैसी कैसी बातें
हँसती गाती बातें
मेरी तुम्हारी बातें
दिल लुभाने वाली बातें
दिल दुखाने वाली बातें
तो कभी कभी दिल को
छू जाने वाली बातें
जाने कहाँ कहाँ से
आ जाती हैं इतनी बातें
और कभी कभी तो जैसे
कहीं खो ही जाती हैं बातें
मुलाकातों में बदलती बातें
रातों में ढलती बातें
जहाँ पर रूकती वहीँ से
फिर शुरू हो जाती बातें
कैसी हैं ये कभी ना
खत्म होने वाली बातें |
~ नी रा
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