Wednesday, October 12, 2011

शील प्रभात

सुबह की ठंडी हवा
बहा ले जाती है
संग अपने
दूर किसी वादी में,
जहा बहते शील झकोरे
छू जाते है अंतःमन को,
और छोड़ जाते है
इक मीठी सी सिहरन,
साथ रह जाती है जो
मुंदी पलकें
खोलने के बाद भी ।

~ नी रा