Friday, December 16, 2011

Roaring Seas




खारे पानी के अथाह समन्दर, यूँ तो शांत नज़र आते हैं,

समेटे उग्र तूफान अन्तः में, मीलों-मील फैले चले जाते हैं

उद्वेलित लहरों के टकराने पर, जब ठहरे किनारे टूट जाते हैं,

तो आगोश में समां लेने को सबकुछ, यही सागर बहे जाते हैं




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